Thursday, May 10, 2018


साथ चलो

मुश्किल सफर  ज़िंदगी का आसन हो जाए
गर तुम थोडी दूर साथ चलो

मोहब्बत की कशिश में चूर हम तुम
जमाने से छुप कर कुछ दूर तो साथ चलो

नसीब में है कुछ लम्हों की मुलाकात
कल कौन कहां अ‍भी तो कुछ दूर साथ चलो

जन्मों का साथ है एक छलावा
जानती हूं पर कुछ दूर तो साथ चलो

ज्योति से जगमग हैं अ‍भी सभी राहें
अ‍भी दूर है स्वरर्णोदय कुछ दूर तो साथ चलो

जन्मों को पार हमें भी करना है
इस जन्म में कुछ दूर तो साथ चलो


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