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कन्नड के प्रसिद्ध चलन चित्र नायक, परिवेशवादी, साहित्यकार श्री सुरेश हेब्बलिकर के द्वारा कृति विमोचन, साथ में कर्नाटक राज्य स्रकार में (सेवानिवॄत) मुख्य अरण्य अधिकारी तथा रचनाकार जो मेरे बडे बाबूजी भी हैं , श्री कृष्ण स्वामी जी , और मध्यप्रदेश में सिंचाई विभाग में मुख्य अभियंता (सेवानिवृत) मेरे बाबूजी श्री ए. नागराज राव और मैं
2 comments:
मैं पहली बार आपके ब्लाग पर आया हूँ जानकर प्रसन्नता हुई की हिंदी से आपका लगाव गहरा है…लिखते रहे हम पढ़ते रहेंगे…धन्यवाद।
कन्नड और हिन्दी के मध्य आपको सेतु रूप में देखकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। आपके माध्यम से हिन्दी और कन्नड दोनो का भला होगा। आप जैसे और अनेकानेक लोगों की भारतीय भाषाओं को जरूरत है।
हिन्दी ब्लागजगत में पदार्पण करने पर आपका आत्मीय अभिनन्दन!!
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